देखा
है........
तेरे
साए में खुदको महफूज देखा है,
तेरी आँखों में
प्यार खूब देखा है....
झुकाके
नज़रें फिर तेरा यूँ मुस्कुराना,
सच कंहू तेरे लबों पे
अपना नाम देखा है....
दुआ
करते हो रोज़ जिस परवरदिगार से,
उस दुआ मे शामिल
मैंने खुदको देखा है....
खनकती
है जब तुम्हारे हाथों की चूड़ियाँ,
उन चूड़ियों पे
खनकते मैंने खुदको देखा है....
जब ध्यान से
सुनते हो मेरे हर्फो को,
तेरे लबो को उन्हें
गुनगुनाते खूब देखा है....
बादल तो दीवाना था
तेरा दीवाना ही रहेगा,
तेरी लकीरों मे दीदार
मैंने खुदका देखा है....
नहीं
ज़रूरत किसी इक़रार की इस इबादत को,
तेरे
प्यार को रगो में उतरते खूब देखा
है….
बादल