Thursday, February 19, 2015

मेरी दुआ और प्यार......
दोनों मुकम्मल होने को तरसते हैं।

बादल 


Friday, February 13, 2015

माँ को नित प्रणाम करो, और दबाओ पाँव।
दुख भोगना नहीं पड़े, ऐसी माँ की छाँव।।
बादल


दिल्ली के दिल पर चले, खूब सियासी तीर।   
झेली पीड़ा तब मिला, इस प्यासी को नीर।।     
  बादल