Thursday, April 25, 2013

रफ्ता रफ्ता___________________बादल




रफ्ता रफ्ता ज़िंदगी की साँस टूट रही है,
तू आए ना आए मगर आस टूट रही है,

लब्जों मे भी आने लगी है जो ये लड़खड़ाहट,
रगो मे अब लहू की रवानी भी टूट रही है.................बादल

Rafta rafta jindgi ki saans tut rahi hai,
Tu aaye na aaye magar aas tut rahi hai,

Labjo main bhi aane lagi hai jo ye ladkhadahat,
Rago mai aab lahu ki rawani bhi tut rahi hai………………Baadal



Wednesday, April 17, 2013

यादे__________________बादल





आओ तुम्हें कुछ अतीत की यादों में समेट लु,
गुनगुनाए थे जो गीत उनकी मिठास मे तुम्हें घोल लु,

मन्नतों के हर परांगण मे जो मांगी थी दुआऐ,
हर उस दुआ की सलामती की कसम तुमसे ले लु,

बांधे थे जो अनगिनत धागे अपनी सलामती के,
आओ उन कच्चे धागो मे तुम्हें जन्मो तक बाँध लु,

लगाया था जो प्यार का दरक्थ आँगन मे अपने,
उसके मीठे फलो को संग मैं तुम्हारे बाँट लु,

लहलाते हुए खेतो मे लहराता हुआ तुम्हारा वो आँचल,
आओ उस आँचल को तुम संग मैं सांझा कर लु,

बसाया था जो गुलिस्ता बड़े अरमानो से हमने,
तुम संग आज मैं उस की हर चोखट पार कर लु,

आओ तुम्हें कुछ अतीत की यादों में समेट लु,
उन कच्चे धागो मे तुम्हें जन्मो तक बाँध लु....................बादल




Monday, April 1, 2013





आज़मा तो तू लेता मुझे, और तुझे मुझ पे भी यकी है,
महोब्बत तो है तुझे, और तुझे अपनी बेवफ़ाई पे भी यकी है............बादल

Aajma to tu leta mujhe,  aur tujhe mujh pe bhi yaki hai,
Mahobbat to hai tujhe,  aur tujhe apni bewafai pe bhi yaki hai……………..Baadal