Sunday, March 31, 2013




खुद को बड़ा ना कर के देश के नाम को बड़ा कर,
चुका के कर्ज इस माटी का तिरंगे का सम्मान बड़ा कर...... बादल


Khud ko bada na kar ke desh ke naam ko bada ker,
Chuka ke karz iss maati ka tringe ka samaan bada ker…………..Baadal

Thursday, March 21, 2013

Tanha_____________Baadal





Hume to tanha rehne ki aadat hai,
Tum tanha reh nahi paoge,

Dil walo ka saku dunia chin leti hai,
Tum dunia chor nahi paoge………………………..Baadal



हमे तो तन्हा रहने की आदत है,

तुम तन्हा रह  नहीं पाओगे,


दिल वालों का सकु दुनिया छिन लेती है,

तुम दुनिया छोर नहीं पाओगे.....................बादल



Monday, March 18, 2013

Sarkar_____________Baadal




देख जनता के घाव नीर दिखा रही सरकार,
झूठे वादे दे के खुद को बता रही उन का यार,

बता के यार कर रही खूब अपना व्यापार,
अतिथि बता दुश्मन से कर रही है प्यार........... बादल


Dekh janta ke ghav neer dikha rahi sarkar,
Jhute wade de ke khud ko bata rahi unka yaar,

Bata ke yaar kar rahi khub apna vayapar,
Atithi bata dushman se kar rahi hai pyar...........Baadal

Thursday, March 7, 2013

Kacche dhage_________________Baadal




Kacche dhago ke bandhan bhi bade ajeeb hote hai,
Ye jitne kache hote hai inn ke bandhan utne hi majboot hote hai,

Yu to insaan rangte  hai khud ko  pakke rango mai,
Magar waqt ke saath rang nahi yahi kacche dhage hi pakke hote hai............Baadal

Tuesday, March 5, 2013

इंसान____________बादल




ज़िद करना चाहता हु, रोना चाहता हु,
फिर माँ के दिलासे पे, उसके आँचल मे चुप होना चाहता हु,

घूमना चाहता हु, भागना चाहता हु,
उँगली पकड़ के चलना सीखा, उस बाप के कंधे पे बैठ फिर दुनिया देखना चाहता हु,

नफरत हो गयी है, नकाबो के शहर मे सांस भी लेने से,
सच्चे ओर इंसानियत से भरे शहर की महक लेना चाहता हु,

मरीचिका बन गयी है जो ज़िंदगी रोज़-मररा मे,
दो पल सकु से बैठ के मै गुंगुनाना चाहता हु,

खेलते है जो धर्म और समाज के नाम पे अपनो के विशवास से,
मैं भी इंसान हु ये उन ठेकेदारो को बताना चाहता हु,

उस बाप के कंधे पे बैठ फिर दुनिया देखना चाहता हु,
सच्चे ओर इंसानियत से भरे शहर की महक लेना चाहता हु...........................बादल