अश्क
अशकों को मेरे छू के तो देखो,
मेरे हर दर्द का अहसास हो जाएगा....
छोड़ गये थे जिन अंजान राहो मे,
उन राहो के वीरानो का अहसास हो जाएगा….
मत समझना इन्हे सिर्फ़ पानी की कुछ बूंदे,
इनमे घुले मेरे लहू का अहसास हो जाएगा….
कैसे बीती हर रात सिसकीओ से भरी,
ये जान के तुम्हारा आँचल भी भीग जाएगा….
इन्हे सिर्फ़ अश्क भी समझने की भूल ना करना,
बेवफ़ाई और प्यार क्या है ये अहसास हो जाएगा….
अमृत है ये तो दर्द ,बेवफ़ाई
और रुसवाई के मंथन का,
तुमने क्या खोया और क्या पाया ये अहसास हो जाएगा….
अशकों को मेरे छू के तो देखो,
ये जान के तुम्हारा आँचल भी भीग जाएगा….
बादल