तन्हा खुशी________बादल
सुर्ख आँखो को अपने अश्क़ों से धो लिया,
लहू जितना भी था उसे शब्दो में पिरो लिया,
चलते रहे जिंदगी के कदमो को हम यू ही...
इस तरह उम्र का एक पड़ाव हमने सँजो लिया,
खुशी दिखी कही तो
बादल तन्हा मुस्कुरा लिया,
पढ़ अपने उकेरे शब्दो
को खुद को
बहला लिया,
बीते लम्हात हम याद
करके फिर बैठे रहे यू ही...
जवानी का हर पल अपने प्यार पे ऐसे ही लूटा लिया,
बादल
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