Monday, July 6, 2015

सपनों मे मेरे जो दिलबर बसता है
नजरों से अपनी वो छलता रहता है
पूरे हो जाएंगे ख्वाब सभी अपने
खामोशी से वो ये मुझको कहता है

बादल



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