Tuesday, August 12, 2014


Monday, August 11, 2014


आज
बहुत थकान होने के बावजूद
ना जाने क्यूं
निंदिया रानी मुझसे रूठी थी,..

तनहा लेटे आकाश को तकते हुए
अनायास ही नजरे
पूर्ण चंद्रमा पर जा टिकी...
जो आते जाते बादलो के साथ ठिठोली कर रहा था,

अचानक ही सब याद आ गया...
जैसे कल ही की तो बात थी,..
जब इस चंद्रमा को निहारते और बाते करते
कब पंछी चहकने लगते थे पता ही नहीं लगता था,.

तुम्हारे साथ खुली आंखो से
ऐसी ही चाँदनी रातों में
ना जाने कितने
सपने बुन लिए थे मैंने...

पर
आधुनिक परीवेश की तुम्हारी लालसा...
न जाने कब तुम्हें गाँव की छोटी छत से उड़ा कर,
शहर की बुलंद इमारतों तक ले गयी....

खैर छोड़ो ...
अब तो तुम्हें ये चंद्रमा
और भी बड़ा नज़र आता होगा

है ना,... !!,.... बादल


Wednesday, August 6, 2014

गौ माता


गौ माता को समर्पित मेरी पहली रचना, 
उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी !
गलती के लिए क्षमा पार्थि......


बड़ी भूल की माता, जो तुझे समझ नहीं पाया,
दुनिया के चक्कर मे जो तेरा नाम नहीं गाया,
पीड़ा की पुकार ने तेरी, बार बार मुझे बुलाया,
बन बैठा था शायद बहरा, जो तुझे सुन नहीं पाया….

अब जाना जीवन क्या है, जबसे दुलार तेरा पाया,
नित्य करूंगा सेवा तेरी, मेरा मान है तूने बढ़ाया,
छत्रिए होके जो भुला था याद वो फर्ज़ दिलाया,
तेरी रक्षा का वचन भरके जीवन सफल बनाया....

आशीर्वाद दे माता मुझको, तूने है जो पंथ दिखाया,
नहीं बहने दूंगा लहू, शरीर मे जबतक प्राण समाया,
शीश उतार लूँगा धड़ से, जो दुख किसी ने पहुचाया,
कोटी कोटी नमन तुझे, जो बेटा मुझे अपना बनाया....



बादल


तन्हा


तन्हा समझ कर खुदको, यू अश्क ना बहा,
चल पड़ेगी डगर भी, ज़रा कदम तो बढ़ा,
तेरा होशला है तेरा साथी, तू यू ना लड़खड़ा,
मिट जाएँगी हर बंदिशे, ज़रा हाथ तो बढ़ा……

बादल


Saturday, August 2, 2014

तन्हा__________बादल



मेरी जुबां से
जो सुनना चाहते हो तुम,
फकत कुछ शब्दो के सिवा
अब उनका कोई वजूद नही है,

बात तो तब होती
जब खुद महसूस कर पाते
शांत बादल के ,
अन्तर्मन की वो लांखों वेदनाएं

दम तोड़ती
वो इंतज़ार मे आँखे,
वो सावन की जलन
अस्क़ो को बूँदो मे छुपाता मन

हर रात
सन्नाटे मे सिसकिओ का गूंजना,
तड़प की आह पर...
वो तेरे नाम का निकलना…    

तेरी तस्वीर से
खूब सारी शिकायत करना,
दिन रात का वो
तेरे लिए दुआएँ माँगना,

क्या बताने पर
ये सब समझ पाओगे,
बोलो वादा करोगे
फिर तन्हा छोड़ के ना जाने का,


बादल