गौ माता को समर्पित मेरी पहली रचना,
उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी !
गलती के लिए क्षमा पार्थि......
बड़ी भूल की माता, जो तुझे समझ नहीं पाया,
दुनिया के चक्कर मे जो तेरा नाम नहीं गाया,
पीड़ा की पुकार ने तेरी, बार बार मुझे बुलाया,
बन बैठा था शायद बहरा, जो तुझे सुन नहीं पाया….
अब जाना जीवन क्या है, जबसे दुलार तेरा पाया,
नित्य करूंगा सेवा तेरी, मेरा मान है तूने बढ़ाया,
छत्रिए होके जो भुला था याद वो फर्ज़ दिलाया,
तेरी रक्षा का वचन भरके जीवन सफल बनाया....
आशीर्वाद दे माता मुझको, तूने है जो पंथ दिखाया,
नहीं बहने दूंगा लहू, शरीर मे जबतक प्राण समाया,
शीश उतार लूँगा धड़ से, जो दुख किसी ने पहुचाया,
कोटी कोटी नमन तुझे, जो बेटा मुझे अपना बनाया....
बादल
Post a Comment