Thursday, June 13, 2013

सावन_________बादल


बड़ा मुश्किल है
तनहा जीवन का सफर
जो तू साथ होता तो
आसानी से कट जाता ......
पहली बार ऐसा हुआ
कि तू खो गया है कंही
पर कहां गया तू
दुनिया की भीड़ तो है वही…..
इस तरह मुझसे दूर जाने का
तेरा कोई इरादा न था,..
ऐसे कैसे तू बदल सकता है
यूं भुला देने का भी कोई वादा न था,..
ये किस मुकाम पे खड़ा हूं मैं...
जहां ना तेरा वजूद है
ना तेरा साया है
ना जो चाही थी वो छाया है
मैं हूं वंही जंहा छोड़ा था तुमने
वापिस आने का करके वादा
अब तुम लौट भी आओ
देखो ना,....सावन फिर लौट आया है ………
बादल



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