कोई कहता है नादान मुझको
कोई मुझको दीवाना कहता है,...
बादल के मन को छू लिया जिसने
उस चाँद पे इतराना अभी बाकी है..........,..
कोई मुझको दीवाना कहता है,...
बादल के मन को छू लिया जिसने
उस चाँद पे इतराना अभी बाकी है..........,..
दीदार रोज किया है उसका
बस उसे पाना अभी बाकी है,..
बहुत छू लिया उसके अक्स को
आँगन मे उसे उतारना अभी बाकी है..........
बस उसे पाना अभी बाकी है,..
बहुत छू लिया उसके अक्स को
आँगन मे उसे उतारना अभी बाकी है..........
तड़प रहा हूं पल पल जिस मिलन को
उसे ये प्यार जताना अभी बाकी है...........
इंतज़ार है जिसका पलके बिछाये
वो पल जिंदगी में आना अभी बाकी है,....
उसे ये प्यार जताना अभी बाकी है...........
इंतज़ार है जिसका पलके बिछाये
वो पल जिंदगी में आना अभी बाकी है,....
बहुत निहार लिया दूर दूर से उसको
अब बस इस दूरी को मिटाना बाकी है..
बहुत रह लिया तनहा तनहा "वो" चाँद
उसे सितारो से चुराना अभी बाकी है.........बादल
अब बस इस दूरी को मिटाना बाकी है..
बहुत रह लिया तनहा तनहा "वो" चाँद
उसे सितारो से चुराना अभी बाकी है.........बादल
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