पाऊंगा..............
मैं दूर जाना चाहता हूं
बस एक उम्मीद है
सुकुन भरी चंद सांसे तो ले पाऊंगा,..
बस एक उम्मीद है
सुकुन भरी चंद सांसे तो ले पाऊंगा,..
दिए प्यार के तोहफे में
जो दर्द और जख्म
कहीं तो मैं उन्हे भुला पाऊंगा,..
जो दर्द और जख्म
कहीं तो मैं उन्हे भुला पाऊंगा,..
मिटा दिया है जिस मासूम हंसी को
मेरे लबों से तुमने
शायद उसे फिर से लौटा पाऊंगा,...
मेरे लबों से तुमने
शायद उसे फिर से लौटा पाऊंगा,...
अश्कों से भिगा के वीरान किया था
जिन आंखों को
शायद वही चमक उनकी फिर लौटा पाऊंगा,...
जिन आंखों को
शायद वही चमक उनकी फिर लौटा पाऊंगा,...
माना दुनिया जालिम है मगर
कहीं तो वो सुकूं मिलेगा
जहां अपने जख्मों को मैं मिटा पाऊंगा,....
कहीं तो वो सुकूं मिलेगा
जहां अपने जख्मों को मैं मिटा पाऊंगा,....
बादल
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