Friday, December 27, 2013
Sunday, October 13, 2013
Nazar aata hai tu________Baadal
नज़र आता है तू_________बादल
रह रह के क्यूँ हर लम्हा याद आता है तू…..
फलक तो क्या हर ज़र्रे मे नज़र आता है तू….
बेकरारी हो या तड़प ये एतबार नही आता,
बिखरती धूप मे हर रोज़ नज़र आता है तू….
खुदा कंहू या खुदाई समझ नही आता,
हर बात और नज़र मे नज़र आता है तू….
हर नाकाम कोशिश हुई और भुला नही जाता,
जंवा हर मुस्कुराहट मे नज़र आता है तू….
महोब्बत हो या इबादत मगर सकु नही आता,
सजदे के हर फूल मे नज़र आता है तू….
ग़ज़ल कंहु या रुबाई ये फ़ैसला हो नही पाता,
हर धड़कते दिल और जिंदगी मे नज़र आता है तू….
प्यासा तेरा हू ये सहरा ख़तम नही होता,
रात रोशन हर दिए मे नज़र आता है तू….
बादल
Tuesday, October 8, 2013
तन्हा खुशी________बादल
तन्हा खुशी________बादल
सुर्ख आँखो को अपने अश्क़ों से धो लिया,
लहू जितना भी था उसे शब्दो में पिरो लिया,
चलते रहे जिंदगी के कदमो को हम यू ही...
इस तरह उम्र का एक पड़ाव हमने सँजो लिया,
खुशी दिखी कही तो
बादल तन्हा मुस्कुरा लिया,
पढ़ अपने उकेरे शब्दो
को खुद को
बहला लिया,
बीते लम्हात हम याद
करके फिर बैठे रहे यू ही...
जवानी का हर पल अपने प्यार पे ऐसे ही लूटा लिया,
बादल
Friday, October 4, 2013
इंतज़ार_________ बादल
अंजान राहो से भी तेरे लौट आने का इंतज़ार था,
यादे धुंधली हो रही थी मगर चेहरा याद था,
भीड़ लाखो की थी और तेरे पुकारने का इंतज़ार रहा....
हर सावन भूलता गया मगर पतझड़ याद था,
हर अजनबी आहट पे तेरे संदेशे का इंतज़ार था,
बादल खुदा को भुला मगर तेरा नाम याद था,
जिंदगी की ढलती शाम को तेरी सांसो का इंतज़ार रहा.....
जख़्मो का दर्द भुला मगर मिलो का सफ़र याद था,
बादल
Thursday, September 26, 2013
अश्क______________बादल
अश्क
अशकों को मेरे छू के तो देखो,
मेरे हर दर्द का अहसास हो जाएगा....
छोड़ गये थे जिन अंजान राहो मे,
उन राहो के वीरानो का अहसास हो जाएगा….
मत समझना इन्हे सिर्फ़ पानी की कुछ बूंदे,
इनमे घुले मेरे लहू का अहसास हो जाएगा….
कैसे बीती हर रात सिसकीओ से भरी,
ये जान के तुम्हारा आँचल भी भीग जाएगा….
इन्हे सिर्फ़ अश्क भी समझने की भूल ना करना,
बेवफ़ाई और प्यार क्या है ये अहसास हो जाएगा….
अमृत है ये तो दर्द ,बेवफ़ाई
और रुसवाई के मंथन का,
तुमने क्या खोया और क्या पाया ये अहसास हो जाएगा….
अशकों को मेरे छू के तो देखो,
ये जान के तुम्हारा आँचल भी भीग जाएगा….
बादल
Saturday, September 7, 2013
देखा है_____________बादल
तुम्हे राहो से गुज़रते हुए…
अक्सर मैने देखा है,
अश्क़ तो सुख गये मगर…
उनके निशा को मैने देखा है,
पूछ तो लेता तुझसे…
तेरी हँसी से छुपे दर्द को,
मगर अपनी फकीरी से…
अपने लबो को सिलते मैने देखा है,
चाँद थे तुम…
हमेशा मेरे लिए,
तुम्हे टूटते हुए कब मैने…
सपनो मे देखा है,
तुम्हारी गुनगुनाहट…
बिखरती रहे हमेशा जॅहा मे,
इस दुआ मे खुदको…
हमेशा मैने देखा है,
जो बेफिक्री दिखती थी…
तरी हर बात मे,
अब सिल्वटो को तेरे…
माथे पे मैने देखा है,
हुस्न वाले तो बेपरवाह…
अक्सर होते ही है,
तभी तो प्यार मे…
ग़रीब की जिंदगी को जलते मैने देखा है,
उमर की साँसे…
जो ढल रही है तुम्हारी,
बीते दिनो को याद करते…
मैने तुम्हे देखा है,
छुपा लो तुम खुद को…
अब लाख नक़ाबो मे,
मगर तेरे अश्क़ो के निशा को…
अक्सर मैने देखा है,
बादल
Thursday, August 1, 2013
चंद अल्फ़ाज़........बादल
चंद अल्फ़ाज़ कह के मै चला जाऊंगा
कुछ अश्क तेरी आंखो मे छोड़ जाऊंगा
सुर्ख आंखो से बहुत उठ चुका
तेरे जख्म तुझे ही सौगात मे दे जाऊंगा...
छिपाया था जिस से बेवफ़ाई को तुमने
उस खूबसूरत हंसी पे मायूसी छोड़ जाऊंगा
सौगात तो तुम्हें क्या देगा ये बदनसीब बादल
तोहफे मे बस आईना तुझे दे जाऊंगा...
अभी तो घुल रही है झूठ की मीठी बाते
उम्र के मोड पे कभी तो सच सामने आएगा
हुस्न...फरेब...दौलत जब नहीं होंगे साथ तेरे
उस रोज़ मै अपनी पूरी कहानी तुझे सुना जाऊंगा...
चंद अल्फ़ाज़ कह के मै चला जाऊंगा
तेरे जख्म तुझे ही सौगात मे दे जाऊंगा...
बादल
Tuesday, July 23, 2013
एतबार________बादल
कुछ पल ही सही मेरा
इंतज़ार तो कर ले ,
दूर तलक ना सही...कुछ कदम तो साथ चल
ले...
टूटा पत्ता हूँ साख का तुम्हारी ही तरह ,
खुद पे ना सही मेरा एतबार तो कर ले ...
भीग ले साथ मेरे
मदमस्त सावन मे ,
फिर छोड़ अश्क़ों को खुशी को गुलजार कर
ले...
देख लेना फिर लौट आएँगी बहारे प्यासी
धरती पे ,
तू बादल को आजमाने का इरादा तो कर ले...
कब तक रखोगे इस जमी
को यू बंजर ,
एक नन्हा पोधा तू इस पे अंकुरित कर ले...
हटा के बबूल के कांटे अपने आंचल से ,
तू झोली अपनी खुशीओ के चिरागो से भर
ले...
भुला के जमी और आश्मा
की दूरी को ,
बस यकी अपने होसले का एक बार कर ले...
बना के एक नया इतिहास तू साथ मिलके ,
फलक और जमी को रोशन तू
कर ले...
खुद पे ना सही मेरा एतबार तो कर ले ...
बस यकी अपने होसले का एक बार कर ले...
बादल
Monday, July 15, 2013
वफा करने की सजा....
तुमने क्या समझा.....
जो इतना सितम करते चले गए,
मुझे पत्थर समझा था क्या....
मै भी तो इंसान ही था
कोई साया थोड़े ही था जिसे दर्द ना महसूस हो...
वफा करने की सजा....
कोई भला ऐसे देता है क्या,
राह के बीच अपने को कोई,
इस तरह भी छोड़ देता है क्या.....
मै तो तलबगार सिर्फ अपनेपन का ही तो था.....
फिर कहा रखा तुमने वो अपनापन,
बताओ तो किसने छिन लिया उसे तुमसे....
ऐसा भी क्या.....
जिसकी वजह से...
सूने अंधियारों मे मुझे तड़पता छोड़ दिया....
मेरी खामोश निगाहों और उदास चेहरे,
को देखकर भी
कैसे तुम चले गए थे.....
यही ना के.....
खुद बे खुद
ये अपना अस्तितव मिटा लेगा.....
मगर तुम कितने गलत थे.......
देखो....तुम्हारे दिये जख्मो ने
आज मुझे कितना मजबूत बना दिया है,
उन अंधियारे गलियारो को मैंने
रोशन कर लिया है......
अब कोई दर्द नहीं देता मुझको,
क्योकि अपने और परायों को....
मैंने पहचान जो लिया है...........
बादल
Monday, June 17, 2013
आखरी मुलाकात________________बादल
चलो आज एक आखरी मुलाकात कर लेते हैं
फिर जिंदगी के इस किस्से को तमाम कर देते हैं
फिर जिंदगी के इस किस्से को तमाम कर देते हैं
वो खुशी वो आंसू वो तड़प वो बेबसी वो मायूसी
सिर्फ एक बार तुम संग फिर से याद कर लेते हैं
सिर्फ एक बार तुम संग फिर से याद कर लेते हैं
नही मंजूर ये रिश्ता समाज के ठेकेदारों को
अनकही बातों को चलो हम आज कह देते है
अनकही बातों को चलो हम आज कह देते है
यूं तो महसूस करता हूं मै तुम्हारी खामोशी भी
चलो मिलकर आज खामोशी को गुनगुना लते हैं
चलो मिलकर आज खामोशी को गुनगुना लते हैं
फैसला हो ही चुका है जब हमारी किस्मत का
सिर्फ एक बार किस्मत पे हम संगसंग रो लेते हैं
सिर्फ एक बार किस्मत पे हम संगसंग रो लेते हैं
फिर कुछ पल ही सही लौटा सकूं मुस्कुराहटें तुम्हारी
चलो फिर कुर्बान हम अपनी हस्ती कर देते है,.........बादल
चलो फिर कुर्बान हम अपनी हस्ती कर देते है,.........बादल
चाँद_____________.बादल
कोई कहता है नादान मुझको
कोई मुझको दीवाना कहता है,...
बादल के मन को छू लिया जिसने
उस चाँद पे इतराना अभी बाकी है..........,..
कोई मुझको दीवाना कहता है,...
बादल के मन को छू लिया जिसने
उस चाँद पे इतराना अभी बाकी है..........,..
दीदार रोज किया है उसका
बस उसे पाना अभी बाकी है,..
बहुत छू लिया उसके अक्स को
आँगन मे उसे उतारना अभी बाकी है..........
बस उसे पाना अभी बाकी है,..
बहुत छू लिया उसके अक्स को
आँगन मे उसे उतारना अभी बाकी है..........
तड़प रहा हूं पल पल जिस मिलन को
उसे ये प्यार जताना अभी बाकी है...........
इंतज़ार है जिसका पलके बिछाये
वो पल जिंदगी में आना अभी बाकी है,....
उसे ये प्यार जताना अभी बाकी है...........
इंतज़ार है जिसका पलके बिछाये
वो पल जिंदगी में आना अभी बाकी है,....
बहुत निहार लिया दूर दूर से उसको
अब बस इस दूरी को मिटाना बाकी है..
बहुत रह लिया तनहा तनहा "वो" चाँद
उसे सितारो से चुराना अभी बाकी है.........बादल
अब बस इस दूरी को मिटाना बाकी है..
बहुत रह लिया तनहा तनहा "वो" चाँद
उसे सितारो से चुराना अभी बाकी है.........बादल
Sunday, June 16, 2013
पाऊंगा..............
मैं दूर जाना चाहता हूं
बस एक उम्मीद है
सुकुन भरी चंद सांसे तो ले पाऊंगा,..
बस एक उम्मीद है
सुकुन भरी चंद सांसे तो ले पाऊंगा,..
दिए प्यार के तोहफे में
जो दर्द और जख्म
कहीं तो मैं उन्हे भुला पाऊंगा,..
जो दर्द और जख्म
कहीं तो मैं उन्हे भुला पाऊंगा,..
मिटा दिया है जिस मासूम हंसी को
मेरे लबों से तुमने
शायद उसे फिर से लौटा पाऊंगा,...
मेरे लबों से तुमने
शायद उसे फिर से लौटा पाऊंगा,...
अश्कों से भिगा के वीरान किया था
जिन आंखों को
शायद वही चमक उनकी फिर लौटा पाऊंगा,...
जिन आंखों को
शायद वही चमक उनकी फिर लौटा पाऊंगा,...
माना दुनिया जालिम है मगर
कहीं तो वो सुकूं मिलेगा
जहां अपने जख्मों को मैं मिटा पाऊंगा,....
कहीं तो वो सुकूं मिलेगा
जहां अपने जख्मों को मैं मिटा पाऊंगा,....
बादल
Thursday, June 13, 2013
सावन_________बादल
बड़ा मुश्किल है
तनहा जीवन का सफर
जो तू साथ होता तो
आसानी से कट जाता ......
तनहा जीवन का सफर
जो तू साथ होता तो
आसानी से कट जाता ......
पहली बार ऐसा हुआ
कि तू खो गया है कंही
पर कहां गया तू
दुनिया की भीड़ तो है वही…..
कि तू खो गया है कंही
पर कहां गया तू
दुनिया की भीड़ तो है वही…..
इस तरह मुझसे दूर जाने का
तेरा कोई इरादा न था,..
ऐसे कैसे तू बदल सकता है
यूं भुला देने का भी कोई वादा न था,..
तेरा कोई इरादा न था,..
ऐसे कैसे तू बदल सकता है
यूं भुला देने का भी कोई वादा न था,..
ये किस मुकाम पे खड़ा हूं मैं...
जहां ना तेरा वजूद है
ना तेरा साया है
ना जो चाही थी वो छाया है
जहां ना तेरा वजूद है
ना तेरा साया है
ना जो चाही थी वो छाया है
मैं हूं वंही जंहा छोड़ा था तुमने
वापिस आने का करके वादा
अब तुम लौट भी आओ
देखो ना,....सावन फिर लौट आया है ………
वापिस आने का करके वादा
अब तुम लौट भी आओ
देखो ना,....सावन फिर लौट आया है ………
बादल
Thursday, April 25, 2013
रफ्ता रफ्ता___________________बादल
रफ्ता रफ्ता ज़िंदगी की साँस टूट रही है,
तू आए ना आए मगर आस टूट रही है,
लब्जों मे भी आने लगी है जो ये लड़खड़ाहट,
रगो मे अब लहू की रवानी भी टूट रही है.................बादल
Rafta rafta jindgi ki saans tut rahi hai,
Tu aaye na aaye magar aas tut rahi hai,
Labjo main bhi aane lagi hai jo ye ladkhadahat,
Rago mai aab lahu ki rawani bhi tut rahi hai………………Baadal
Wednesday, April 17, 2013
यादे__________________बादल
आओ तुम्हें कुछ अतीत की यादों में समेट लु,
गुनगुनाए थे जो गीत उनकी मिठास मे तुम्हें घोल लु,
मन्नतों के हर परांगण मे जो मांगी थी दुआऐ,
हर उस दुआ की सलामती की कसम तुमसे ले लु,
बांधे थे जो अनगिनत धागे अपनी सलामती के,
आओ उन कच्चे धागो मे तुम्हें जन्मो तक बाँध लु,
लगाया था जो प्यार का दरक्थ आँगन मे अपने,
उसके मीठे फलो को संग मैं तुम्हारे बाँट लु,
लहलाते हुए खेतो मे लहराता हुआ तुम्हारा वो
आँचल,
आओ उस आँचल को तुम संग मैं सांझा कर लु,
बसाया था जो गुलिस्ता बड़े अरमानो से हमने,
तुम संग आज मैं उस की हर चोखट पार कर लु,
आओ तुम्हें कुछ अतीत की यादों में समेट लु,
उन कच्चे धागो मे तुम्हें
जन्मो तक बाँध लु....................बादल
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